कंटीले पथरीले रास्ते भी सहज हैं
सफर में कदम जो तुम्हारे संग हैं|
कभी खुशियों का दिन है निकला, तो
कभी दुःख की है अमावस्या आई ।
कभी ऊंचाइयां चढ़ना सरलता से
कभी हलकी ढल से फिसल जाना ।
मोगरे की खुशबु मसखरों की जादूगरी है
सफर में कदम जो तुम्हारे संग हैं ॥ अरुणेश नारायण