Sunday, March 9, 2014

यूँ मौन बने रहते हो क्यों

हे! युवा शक्ति सखा मेरे 
भविष्य निधि भारतवर्ष कि ॥

नत मस्तक गर्व वहन करते 
यौवन कि ऊर्जा संचित किये ॥

हे ! ओज भरे युवा बता दो 
यूँ मौन बने रहते हो क्यों ?
मिटटी के होते बंटवारों में 
झुलसते भ्रष्टाचारकए ज्वालाओं में 
हृदय विदारक रोदन भारत माँ कि

सुन अनसुनी करते हो क्यों ?

बेला विश्राम कि बीत चली अब
घरा धैर्य कि उपट चुकी अब
जागो अपनी इस चीर निद्रा से 

दुर्बल नहीं, हो क्यों छुपते तुम ?
हे! युवा शक्ति सखा मेरे 
भविष्य निधि भारतवर्ष कि ॥।

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