हे! युवा शक्ति सखा मेरे
भविष्य निधि भारतवर्ष कि ॥
नत मस्तक गर्व वहन करते
यौवन कि ऊर्जा संचित किये ॥
हे ! ओज भरे युवा बता दो
यूँ मौन बने रहते हो क्यों ?
मिटटी के होते बंटवारों में
झुलसते भ्रष्टाचारकए ज्वालाओं में
हृदय विदारक रोदन भारत माँ कि
सुन अनसुनी करते हो क्यों ?
बेला विश्राम कि बीत चली अब
घरा धैर्य कि उपट चुकी अब
जागो अपनी इस चीर निद्रा से
दुर्बल नहीं, हो क्यों छुपते तुम ?
हे! युवा शक्ति सखा मेरे
भविष्य निधि भारतवर्ष कि ॥।
भविष्य निधि भारतवर्ष कि ॥
नत मस्तक गर्व वहन करते
यौवन कि ऊर्जा संचित किये ॥
हे ! ओज भरे युवा बता दो
यूँ मौन बने रहते हो क्यों ?
मिटटी के होते बंटवारों में
झुलसते भ्रष्टाचारकए ज्वालाओं में
हृदय विदारक रोदन भारत माँ कि
सुन अनसुनी करते हो क्यों ?
बेला विश्राम कि बीत चली अब
घरा धैर्य कि उपट चुकी अब
जागो अपनी इस चीर निद्रा से
दुर्बल नहीं, हो क्यों छुपते तुम ?
हे! युवा शक्ति सखा मेरे
भविष्य निधि भारतवर्ष कि ॥।
No comments:
Post a Comment